जीवन के रंग
जीवन के विभिन्न रंगों से बना रंगारंग इंद्रधनुष।
Saturday, 1 November 2014
कैसे कह दूं तेरे जाने का ग़म ज़रा ना हुआ?
कैसे कह दूं तेरे जाने का ग़म ज़रा ना हुआ
?
कौन सा ज़ख़्म बचा ऐसा जो हरा ना हुआ
?
ख़ता मेरी थी भला तुमको दोष दूं कैसे
?
तुम तो पंक्षी थे, मेरा दिल ही पिंजरा ना हुआ।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment