न जाने क्यों बचपन से ही पाटलिपुत्र शब्द मुझे बहुत आकर्षित करता रहा
है। पटना में वह बात नहीं है। पता नहीं ‘पटना’
भी है या यूं ही गोली दे रही है। रही बात पाटलिपुत्र शब्द के उत्पत्ति की, तो
अभी तक इस बारे में जितने तर्क मिले, वे मुझे संतोषजनक नहीं लगते। कहा जाता है इस
नगर को चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में बसाया था। मगर इसका नाम पाटलिपुत्र
क्यों रखा? मुझे लगता है कि इस नगर के निर्माण के दौरान ही महामंत्री और
चंद्रगुप्त के गुरू आचार्य चाणक्य की निगाह सिकन्दर की मृत्यु के बाद उसके प्रमुख
सेनापति सेल्यूकस पर टिकी थी। चाणक्य को पता था कि था सेल्यूकस के पास औलाद के
नाम पर उसकी एकलौती बेटी हेलेन ही है।
एक दिन चाणक्य ने चंद्रगुप्त से कहा: चंद्रगुप्त!
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: तुमने सेल्यूकस का नाम सुना है?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: जानते हो, उसकी एक बेटी भी है?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: जानते हो, वह बहुत खूबसूरत भी है?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: जानते हो, वह शादी योग्य हो गयी है?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: यह भी जानते हो कि वह सेल्यूकस की इकलौती औलाद है?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: तो यह भी जानते होगे कि सेल्यूकस के मरने के बाद सेल्यूकस
का राज्य उसकी बेटी को ही मिलेगा?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!
चाणक्य: जी गुरूदेव के बच्चे! मैंने तुम्हे बस जी गुरूदेव
कहने के लिए पाला है? मैंने अपनी सारी जवानी तुम्हे युवा करने में गला दी और तुम्हे
जी गुरूदेव कहने के अलावा कुछ आता ही नहीं?
चंद्रगुप्त: क्या करना है; आज्ञा दीजिए गुरूदेव!
चाणक्य: मैंने तुम्हे हेलेन के बारे में सब कुछ बता दिया न?
चंद्रगुप्त: जी, गुरूदेव!; बताइए क्या करना
है
चाणक्य: अरे करना क्या
है, हेलेन को 'पटा ले पुत्र'
बस, इस बात का पूरे नगर में शोर हो गया। चंद्रगुप्त ने हेलेन को पटा तो लिया, लेकिन लोग बात-बात में, मजा़क
में 'पटा ले पुत्र' कहने लगे। इसी पटाने के नाम पर यह नगर पहले ‘पटा
ले पुत्र’ नाम से जाना गया, फिर पाटलिपुत्र के नाम
से और आज पटना के नाम से जाना जाता है। इस विवाह में दहेज के रूप में चंद्रगुप्त को
क़ाबुल, कन्धार, गान्धार,
हेरात और बलूचिस्तान मिले। तभी से बिहार में, कालांतर में पूरे भारत में दहेज प्रथा
का जन्म हुआ। यूनान में ‘रा हर माचिस’ (सूर्य)
की पूजा की जाती है। हेलेन वह पूजा दहेज में मगध ले आयी और आज पूरे पूर्वोत्तर भारत
में छठ की पूजा होती है।
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