छोड़ी दुनिया की रीत, डडम डम डडम डम
मैं ने जोड़ी तुझसे प्रीत, डडम डम डडम डम
छोड़ी दुनिया की रीत, मैं ने जोड़ी तुझसे प्रीत,
तुझे मन का मीत बनाया, कि तू मुझे प्यारा लगे
मीरा बन के जग छोड़ी, अपनों से मुँह मोड़ी
तुझे अपना श्याम बनाया कि तू मुझे प्यारा लगे ।।
मैं हूँ प्रेम दीवानी, ऊपर से ये रुत मस्तानी
तू मुझको समझ ना पराया कि तू मुझे प्यारा लगे ।।
मैं हूँ जोगन तू है जोगी, तू है वैद्य मैं हूँ रोगी
तूने रोग ना मेरा बताया कि तू मुझे प्यारा लगे ।।
तेरी राहों में खड़ी हूँ तेरे दर पे पड़ी हूँ
तूने फिर भी गले ना लगाया, कि तू मुझे प्यारा लगे ।।
अपनी जान भी दे दूँगी, जाके काशी करवट लूँगी
गर तूने ना अपना बनाया कि तू मुझे प्यारा लगे।।
--- ©शशि कान्त सिंह
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