जीवन के विभिन्न रंगों से बना रंगारंग इंद्रधनुष।
18 जून, 1997, श्याम विहार
प्यार में इतने धक्के खाए, फटा पजामा-कुर्ता
अरे इतनी चोट मुहब्बत ने दीऽऽऽ, दिल का बन गया भुर्ता
तो, अब जीकर क्या करना यार, अब जीकर क्या करना - 2
प्यार में जीना है दुश्वार, अब जीकर क्या करना
©शशि कान्त सिंह
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