Monday, 25 August 2025

भगवान हमारे भारत पर..

 CGO Complex, New Delhi,

 8 दिसम्बर, 1995 

 भगवान हमारे भारत पर 

तेरा इतना एहसान रहे

भाई-चारे की वँशी पर 

बस अमन-चैन की तान रहे।। 


गुरूवाणी गूँजे घर-घर में, 

यीशू का हो उपदेश यहाँ

गौतम की सत्य-अहिंसा का 

घर-घर पहुँचे सँदेश यहाँ

मंदिर में आरती हो तेरी, 

मस्जिद में तेरी अज़ान रहे

भाई-चारे की वँशी पर 

बस अमन-चैन की तान रहे।।


तू इन्हें क़सम कुरआन की दे, 

तू इन्हें क़सम दे गीता की

जैसी हो फ़ातिमा की इज़्ज़त 

वैसी हो इज़्ज़त सीता की

माता साहिब के साथ-साथ 

मरियम का भी सम्मान रहे

भाई-चारे की वँशी पर 

बस अमन-चैन की तान रहे।।


जब इक बगिया के फूल सभी, 

तो मज़हब का ये झगड़ा क्यूँ?

भारत माँ की सँतान सभी 

फिर आपस में ये रगड़ा क्यूँ?

क्रिसमस, वैशाखी होली, 

ईद इन सबकी ख़ुशी समान रहे

भाई-चारे की वँशी पर 

बस अमन-चैन की तान रहे।।


हो अमन–चैन जब ख़तरे में 

और चलने लगे ख़ंजर-नेज़े

चल पड़े हुमायूँ रक्षा को, 

जब कर्मवती राखी भेजे

गौहरबानो तब वीर शिवा 

की माँ बनकर मेहमान रहे

भाई-चारे की वँशी पर 

बस अमन-चैन की तान रहे।।     

           ©शशि कान्त सिंह

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