Monday, 25 August 2025

 10 जून, 1997, श्याम विहार

तुम बिन चैन कहाँ रे ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ 

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

जिस दिन से मुँह मोड़ गया तू

मुझको अकेला छोड़ गया तू

जिस दिन से मुँह मोड़ गया तू

मुझको अकेला छोड़ गया तू

उस दिन से मैं तेरी क़सम हूँ ज़िंदा

लाश समाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ रे ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ


जी करता पँछी बन जाऊँ

उड़कर तेरे पास मैं जाऊँ

जी करता पँछी बन जाऊँ

उड़कर तेरे पास मैं जाऊँ ऽऽऽ

पर मेरे पर काट गया तू

दम तोड़ें अरमाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

जिन राहों से तू गुजरा था

जिन राहो पर सँग चला था

ढूँढ रहे मेरे बावरे नैना -2

उन कदमों के निशाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ 

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ रे ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ


ओ निर्मोही, वापस आ जा 

आके मेरे दिल में समा जा

सुन सकते हो, तो सुन लो तुम

मेरे दिल की अज़ां ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ रे ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

तुम बिन चैन कहाँ ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

                  ©शशि कान्त सिंह 

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